यादों की गुल्लक
Tuesday, October 6, 2015
यादों की गुल्लक
इन यादों को संभाले
है यह गुल्लक
कब से डाले जा रहे हैं
फिर भी सब संभाले
जा रही है यह गुल्लक
बड़ी प्यारी है
यह गुल्लक
सब समय है खुद
में यह गुल्लक
कुछ खट्टी
कुछ मीठी , सुहानी
कुछ कड़वी कड़वी सी
पता नहीं कितने विरोधाभास
समय है यह गुल्लक
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